बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के बनमनखी में एनडीए उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए लालू परिवार पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया. चुनाव प्रचार के दौरान भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आधार पर लालू परिवार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों के कारण उन्हें (लालू प्रसाद यादव) गद्दी छोड़नी पड़ी, जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया… अब वह अपने बच्चों को बढ़ावा दे रहे हैं. नीतीश ने कहा, ‘उन्होंने कई बाल-बच्चे पैदा किए हैं. क्या किसी को इतने बाल-बच्चा पैदा करने की जरूरत है?’
नीतीश जी मेरे आदरणीय है, अभिभावक है, उनकी हर बात हमारे लिए आशीर्वचन एवं आशीर्वाद है – तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा की माननीय नीतीश जी मेरे आदरणीय है, अभिभावक है. वो हमें कुछ भी कह सकते है, पहले भी तो ऐसी बात कह चुके है. उनकी हर बात हमारे लिए आशीर्वचन एवं आशीर्वाद है. वैसे ये सब बातें कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. हमारे ऊपर व्यक्तिगत बात करने से या हमारे द्वारा विपक्ष पर व्यक्तिगत आरोप एवं बात करने से जनता का क्या भला होगा? हम राजनीति और लोकतंत्र में लोक की बातें करते है ना कि स्वयं की. व्यक्तिगत चीज़ें केवल घर के ड्राइंग रूम तक ही होनी चाहिए. वर्षों से सत्ता पर काबिज NDA के नेता गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, नौकरी, विकास-निवेश जैसे मुद्दों का जिक्र राजनीतिक मंचों से क्यों नहीं करते? ये मुद्दों से क्यों भाग रहे है?
देश के कई नेताओं ने नीतीश जी को मानसिक रूप से बीमार बताया
नीतीश कुमार अपने अल्हड़ अंदाज में कुछ भी बोल देते हैं. वो ये भूल जाते हैं की उन्हें क्या बोलना है क्या नहीं बोलना है. कौन सी जगह क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं बोलना चाहिए. अपने अल्हड़ बोलपन की वजह से उन्हें कई बार माफ़ी भी मांगनी पड़ी है लेकिन उन्हें ये अब तक नहीं पता चला की बोलना क्या है. आखिर जनता नीतीश जी पर कैसे विश्वास कर पाएगी. वैसे भी देश के कई नेताओं ने नीतीश जी को मानसिक रूप से बीमार बताया है.